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By - News Desk Nov 04, 2025 Comments (3) उत्तर प्रदेश

भाजपा राज मतलब भ्रष्टाचार का भंडार — 100 करोड़ की संपत्ति वाले सीओ पर अखिलेश यादव का तंज

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश ने कानपुर के निलंबित सीओ ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा राज मतलब भ्रष्टाचार का भंडार” है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा —

“जिनके करीबी और सहायक अधिकारी के पास 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति मिली है, सोचिए उनके पास खुद कितनी होगी और उनके उस ‘ऊपरवाले’ के पास कितनी, जिनके आशीर्वाद से वो अब तक ज़मींदोज़ होने से बचे हुए हैं।”

100 करोड़ की संपत्ति वाला सीओ निलंबित

कानपुर में लंबे समय तक तैनात रहे सीओ ऋषिकांत शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे के साथ मिलकर करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की। शासन ने सोमवार देर रात उन्हें निलंबित कर दिया और उनकी संपत्ति की जांच का जिम्मा विजिलेंस को सौंपा है।

ऋषिकांत शुक्ला करीब 15 वर्षों तक कानपुर में दरोगा से लेकर सीओ पद तक कार्यरत रहे और वर्तमान में मैनपुरी जिले के भोगांव में तैनात थे। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने नौकरी के दौरान इतनी संपत्ति इकट्ठा की जो उनकी आय से कहीं अधिक है।

अखिलेश दुबे केस से जुड़ा नाम

वकील अखिलेश दुबे पहले से ही जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने झूठे पॉक्सो मुकदमे दर्ज कराकर लोगों से करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूली। इसी मामले में उनके सहयोगी पुलिसकर्मियों की जांच शुरू की गई थी, जिसमें तीन सीओ और दो अन्य पुलिसकर्मी संदेह के घेरे में आए।

एक इंस्पेक्टर को जेल भेजा जा चुका है, दूसरे पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है, जबकि तीसरे नाम के रूप में ऋषिकांत शुक्ला की भूमिका सामने आई है।

विजिलेंस जांच और ऑपरेशन महाकाल से जुड़ी कार्रवाई

पूर्व पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के कार्यकाल में शुरू हुए “ऑपरेशन महाकाल” के तहत अपराधी-पुलिस गठजोड़ को खत्म करने की कार्रवाई चल रही थी। इसी जांच में ऋषिकांत शुक्ला की संपत्तियों की परतें खुलीं।

एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी आशंका जताई गई कि शुक्ला ने अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा अखिलेश दुबे की संपत्तियों में निवेश किया है। जांच के बाद पुलिस कमिश्नरेट ने शासन और डीजीपी को रिपोर्ट भेजी, जिसके बाद विजिलेंस जांच की अनुमति दी गई।

सूत्रों का कहना है कि इस मामले में शामिल अन्य दागी पुलिसकर्मियों पर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।

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