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By - News Desk Nov 20, 2025 Comments (3) दिल्ली

दिल्ली से पहले जयपुर और अहमदाबाद ब्लास्ट में भी अल-फलाह कनेक्शन! खुफिया एजेंसियों के चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए आत्मघाती हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। अब जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के साथ पुराने और गंभीर आतंक कनेक्शन की पुष्टि की है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, यह यूनिवर्सिटी इससे पहले जयपुर और अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट की जांच में भी संदिग्ध पाई गई थी।

डॉ. उमर नबी की गिरफ्तारी के बाद खुला नया पन्ना

लाल किले ब्लास्ट के आरोपी डॉ. उमर नबी की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों ने पाया कि नबी का कभी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से सीधा संबंध था। उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के बाद एक बार फिर संस्थान पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। रिपोर्टों में यह भी दावा है कि नबी अकेला ऐसा व्यक्ति नहीं है—पहले भी इसी संस्थान से जुड़े लोगों के नाम बड़े आतंकी हमलों में आ चुके हैं।


अहमदाबाद, जयपुर और गोरखपुर ब्लास्ट में उठा अल-फलाह का नाम

मिर्ज़ा शादाब बेग—सबसे बड़ा लिंक

खुफिया एजेंसियों के रिकॉर्ड में सबसे चर्चित नाम मिर्ज़ा शादाब बेग का है, जो इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय आतंकी बताया जाता है।

  • 2007 में उसने अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक (Electronics & Instrumentation) पूरा किया।

  • इसके सिर्फ एक साल बाद, 2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में उसका नाम सामने आया।

  • बेग जयपुर ब्लास्ट (2008) और गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट (2007) में भी संदिग्ध पाया गया था।

इंजीनियरिंग बैकग्राउंड होने के कारण वह IED असेंबलिंग, डिटोनेटर तैयार करने और विस्फोटक लॉजिस्टिक्स में माहिर माना जाता है।
बेग 2008 से फरार है और माना जाता है कि वह वर्तमान में अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। उसकी गिरफ्तारी पर ₹1 लाख का इनाम घोषित है।


अहमदाबाद धमाकों से पहले की रेकी और ब्लास्ट प्लानिंग

खुफिया दस्तावेजों के अनुसार, अहमदाबाद धमाकों से करीब 15 दिन पहले बेग ने शहर की ग्राउंड रेकी की थी।

  • विस्फोटक सामग्री जुटाना

  • IED फिटिंग

  • लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था

  • रियाज़ और यासीन भटकल के साथ प्लानिंग

इन सभी गतिविधियों में उसकी सीधी भूमिका पाई गई है।


दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसा

लाल किले के पास आत्मघाती हमले में 15 लोगों की मौत के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच एजेंसियों ने सख्त कार्रवाई शुरू की है।
ED ने विश्वविद्यालय और उससे जुड़े ट्रस्ट पर मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों में कार्रवाई तेज कर दी है।

फर्जी NAAC मान्यता से 415 करोड़ की कमाई का आरोप

दिल्ली पुलिस की दो FIR के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की है। आरोप है कि—

  • यूनिवर्सिटी ने फर्जी या भ्रामक तरीके से NAAC मान्यता का दावा किया

  • छात्रों और अभिभावकों को गुमराह कर 415 करोड़ रुपए की कमाई की

अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को अदालत ने 13 दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया है। कोर्ट ने माना कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया गंभीर आरोप मौजूद हैं।


NIA कई राज्यों में छापेमारी कर रही है

दिल्ली ब्लास्ट की बड़ी साजिश को समझने के लिए NIA कई राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है।
एजेंसी उन सभी व्यक्तियों की पहचान कर रही है, जिनका इस हमले या अल-फलाह से जुड़े किसी नेटवर्क से संभावित संबंध हो सकता है।

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