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By - Dhananjai Gupta Sep 23, 2025 Comments (3) राज्य / बिहार

बिहार चुनाव: NDA और महागठबंधन में सीट बंटवारे पर तकरार, चिराग की जिद और राहुल की रणनीति से बढ़ा तनाव

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) और विपक्षी महागठबंधन (MGB) दोनों में सीट बंटवारे को लेकर जबरदस्त खींचतान जारी है। नवरात्र और छठ जैसे त्योहारों के बीच नेताओं के बीच बैठकों का दौर तेज हो गया है, लेकिन उम्मीदवारों की लिस्ट पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। टिकट के दावेदार दिल्ली और पटना में कैंप कर रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग दशहरा के बाद कभी भी कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है।

NDA में चिराग की 30 सीटों की जिद

एनडीए खेमे में सबसे बड़ा विवाद लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (LJP-R) की सीट मांग को लेकर है। पार्टी प्रमुख चिराग पासवान किसी भी हालत में 30 विधानसभा सीटों से नीचे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका दावा 2020 में एनडीए द्वारा जीती गई कई सीटों पर भी है।

  • बीजेपी और जेडीयू चिराग को 20-22 सीटों के साथ राज्यसभा और विधान परिषद में सीट देने का प्रस्ताव दे रही हैं।

  • चिराग की मुश्किल यह है कि पार्टी के अंदर इतने दावेदार हैं कि 30 सीटें मिलने पर भी कई नेताओं को टिकट नहीं मिल पाएगा।

सूत्रों के अनुसार, बीजेपी-जेडीयू नेतृत्व ने हाल ही में पटना में शीर्ष बैठक कर सीट फार्मूला तय करने की कोशिश की। हालांकि, जेडीयू सीधे सहयोगी दलों से बातचीत नहीं कर रही है और भाजपा के जरिए ही वार्ता चल रही है। हम (Hindustani Awam Morcha) प्रमुख जीतनराम मांझी 15 सीटें नहीं मिलने पर अलग चुनाव लड़ने की चेतावनी दे चुके हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा ने लोकसभा चुनाव जैसी स्थिति दोहराने से बचने की नसीहत दी है।

महागठबंधन में कांग्रेस की बढ़ी मांग

विपक्षी महागठबंधन में भी स्थिति कम तनावपूर्ण नहीं है। कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह इस बार भी 70 सीटों की मांग कर रही है। 2020 में 70 सीटों पर लड़कर कांग्रेस सिर्फ 19 पर जीत पाई थी। लेकिन राहुल गांधी की हालिया सक्रियता से पार्टी में उत्साह बढ़ा है और नेता 55-60 तक की सीट पर भी दावा कर रहे हैं।

  • सीपीआई-माले का तर्क है कि पिछली बार उसका स्ट्राइक रेट बेहतर था, इसलिए इस बार सीटें बढ़ाई जाएं।

  • तीनों वाम दल और वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) भी ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं।

  • कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को संकेत दिया है कि अगर मुख्यमंत्री का चेहरा वही रहेंगे तो उन्हें सीटों पर समझौता करना होगा।

तेजस्वी पर दबाव

सूत्रों के मुताबिक, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सीट बंटवारे पर अब तक मौन साध रखा है। पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि सहनी की वीआईपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को सीटें देने का जिम्मा तेजस्वी यादव पर है। कांग्रेस ने इस बहस में “तेजस्वी को सीएम बनना है” को हथियार बनाते हुए राजद पर समझौते का दबाव बढ़ा दिया है।

आगे की रणनीति

त्योहारी मौसम के बीच दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे पर सहमति बनना आसान नहीं दिख रहा है। एनडीए में चिराग पासवान की जिद और महागठबंधन में कांग्रेस की बढ़ी हुई मांग से समीकरण जटिल बने हुए हैं। अब सबकी नजर चुनाव आयोग की घोषणा और आखिरी दौर की बातचीत पर है, जिससे यह तय होगा कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर दम दिखाएगी और कौन बनेगा बिहार की सत्ता का असली दावेदार।

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