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By - Sapna Oct 08, 2025 Comments (3) राज्य / बिहार

Bihar Politics: रामविलास की बरसी पर बोले चिराग पासवान — “जो जिम्मेदारी पापा ने सौंपी, उसे निभाना मेरा लक्ष्य”

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। एनडीए (NDA) गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। इसी बीच एलजेपी (रामविलास) के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर भावुक संदेश देते हुए चुनावी संकेत दिए हैं।

दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को पटना पहुंचे चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि,

“एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर शुरुआती दौर की चर्चा चल रही है। सही समय आने पर सबकुछ बता दिया जाएगा। हम गठबंधन की एकजुटता के पक्ष में हैं, लेकिन पार्टी की मजबूती और सम्मानजनक सीटों पर समझौता नहीं करेंगे।”

चिराग पासवान ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —

“पापा, आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन। मैं वचन देता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और ‘बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट’ के विजन को साकार करने के लिए समर्पित रहूंगा। बिहार के विकास का जो सपना आपने देखा था, अब उसे साकार करने का समय है।”

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार को भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने चिराग पासवान से मुलाकात की थी। हालांकि, मुलाकात के बाद भी सीट बंटवारे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चिराग पासवान NDA में 43 विधानसभा सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में एलजेपी (रामविलास) के प्रदर्शन और पिछली विधानसभा चुनावों के नतीजे इस मांग को जायज़ ठहराते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि चिराग की रणनीति “प्रेशर पॉलिटिक्स” पर आधारित है — वे न केवल अपनी पार्टी के लिए अधिक सीटें चाहते हैं, बल्कि एनडीए के भीतर अपनी राजनीतिक हैसियत को भी मजबूत करना चाहते हैं। दूसरी ओर, भाजपा नेतृत्व के लिए चुनौती यह है कि वह चिराग की मांगों को संतुलित करते हुए जदयू और अन्य सहयोगी दलों को भी साथ बनाए रखे।

जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आ रहा है, एनडीए के अंदर सीट बंटवारे का समीकरण और गठबंधन की एकजुटता, दोनों ही आने वाले दिनों में राज्य की सियासत की दिशा तय करेंगे।

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