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By - Chandrakant Singh Jul 22, 2025 Comments (3) उत्तर प्रदेश

यूपी में धर्मांतरण का खुलासा: जाकिर नाईक की तकरीरें दिखाकर ब्रेनवॉश करता था छांगुर, गुप्त कमरों में रखी जाती थीं हिंदू लड़कियां

बलरामपुर | 22 जुलाई 2025

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अवैध धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड छांगुर बाबा युवाओं और हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करने के लिए जाकिर नाईक और कट्टरपंथी मौलानाओं की तकरीरें दिखाया करता था।

एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर ने अपनी अलीशान कोठी को एक कट्टरपंथी केंद्र में तब्दील कर रखा था। इस कोठी में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन, गुप्त कमरे और तकरीरों के वीडियो दिखाने की व्यवस्था थी। छांगुर तीन-तीन घंटे के शोज़ के जरिए युवाओं को उकसाता था और हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काऊ बातें करता था।

गुप्त कमरों में छिपाकर रखी जाती थीं हिंदू लड़कियां

सूत्रों के मुताबिक, कोठी में बनाए गए गुप्त कमरों में मुस्लिम युवकों और भगाकर लाई गई हिंदू लड़कियों को रखा जाता था। इन कमरों में जाकिर नाईक के वीडियो पेन ड्राइव के जरिए चलाए जाते थे। धर्म बदलवाने से इनकार करने पर लड़कियों को ड्रग्स देकर आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाते थे और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता था।

विदेश में नौकरी और पैसे का लालच

छांगुर मुस्लिम युवकों को यह कहकर बहकाता था कि "मूर्ति पूजा से कुछ नहीं मिलने वाला, इस्लाम कबूल करो, लखपति बना देंगे, विदेश भेज देंगे, नौकरी दिला देंगे।" इन सभी गतिविधियों का मकसद था—युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलना।

जाकिर नाईक का नेटवर्क अब भी सक्रिय

बता दें कि विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक, जिसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन भारत में बैन हो चुकी है, इस समय मलेशिया में फरार है। लेकिन उसके नेटवर्क के लोग आज भी देश के कई हिस्सों में सक्रिय हैं और उसी विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।

चुनावी हस्तक्षेप और धमकी

पूर्व विधानसभा प्रत्याशी हसीब खां ने छांगुर से जुड़े लोगों पर चुनाव के दौरान हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 2022 में जब वे हिंदुओं को दीपावली पर मिठाई बांट रहे थे, तब छांगुर के गुर्गों ने आकर मना किया और कहा—"यह मुस्लिम बहुल इलाका है, पार्टी को नुकसान होगा।" हसीब ने साफ इंकार कर दिया और कहा कि उन्हें जो करना है करें।

ATS और सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चुनौती

छांगुर के काले कारनामे उजागर होने के बाद एटीएस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे कट्टरपंथी नेटवर्क को न केवल बेनकाब करना जरूरी है, बल्कि उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी समय की मांग है।

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