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By - Dhananjai Gupta Jul 21, 2025 Comments (3) राज्य / बिहार

दरभंगा: "बहुत दिक्कत होती है..."—स्कूल की छात्रा की पीड़ा से भावुक हुए प्रशांत किशोर, वीडियो शेयर कर बोले- जाति-धर्म की राजनीति से बचिए

दरभंगा/पटना – जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक स्कूली छात्रा का वीडियो साझा कर शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दरभंगा जिले के हनुमाननगर प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की छात्रा की आवाज़ ने सोशल मीडिया पर व्यापक असर छोड़ा है। वीडियो में बच्ची स्कूल भवन की छत नहीं होने के कारण बारिश और गर्मी में पढ़ाई बाधित होने की पीड़ा साझा करती दिख रही है। प्रशांत किशोर ने वीडियो के माध्यम से न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की बदहाली उजागर की, बल्कि जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठने की भी अपील की।


सोशल मीडिया पर लंबे समय बाद सक्रिय हुए पीके

सोमवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए वीडियो में प्रशांत किशोर ने लिखा,
“जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को वोट देकर अगर आप यही व्यवस्था कायम रखेंगे, तो आने वाली पीढ़ियां आपको माफ़ नहीं करेंगी।”
पीके ने दरभंगा की बच्ची के वीडियो को रीपोस्ट करते हुए स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई।
वीडियो को पहले एक यूट्यूबर ने शूट किया था, जिसका अंश किशोर ने साझा किया।


बच्ची की जुबानी सिस्टम की हकीकत

वीडियो में छात्रा कहती है:
"स्कूल में छत नहीं है। बारिश होती है तो भागकर घर आना पड़ता है। गर्मी में भी बहुत दिक्कत होती है।"
इस सादे लेकिन मार्मिक बयान ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था की ज़मीनी हकीकत उजागर कर दी।


शिक्षा पर फोकस, स्कूल बैग है चुनाव चिन्ह

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का मुख्य एजेंडा शिक्षा और स्वास्थ्य रहा है। पार्टी का चुनाव चिन्ह भी “स्कूल बैग” है, जो इस मुद्दे को प्राथमिकता देने का संकेत देता है। 2 अक्टूबर 2022 को पार्टी गठन के बाद से पीके लगातार बिहार के गांव-कस्बों में जनसंवाद यात्रा कर रहे हैं। अब वे सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।


राजनीतिक संदेश भी दिया

प्रशांत किशोर ने वीडियो साझा कर मतदाताओं को सीधा संदेश दिया कि
"अगर व्यवस्था नहीं बदली तो शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार सिर्फ नारों तक सीमित रह जाएंगे।"
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों की अनदेखी को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है।

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