Shopping cart

Subtotal: $4398.00

View cart Checkout

Blog Image
By - News Desk Nov 21, 2025 Comments (3) दिल्ली

अल-फला‍ह यूनिवर्सिटी पर फिर घिरा शक: इंजीनियर भी निकला आतंकी, जांच एजेंसियां नेटवर्क खंगालने में जुटीं

नई दिल्ली — लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद जांच का फोकस अब इंडियन मुजाहिदीन के भगोड़े आतंकी मिर्ज़ा शादाब बेग और उससे जुड़े नेटवर्क पर पूरी तरह केंद्रित हो गया है। धमाके में अल-फला‍ह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई नाम सामने आने के बाद एजेंसियां इसे गंभीरता से खंगाल रही हैं।

सूत्रों के अनुसार मिर्ज़ा शादाब बेग 2007 में अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज (अब विश्वविद्यालय) में बीटेक कर रहा था। आजमगढ़ का रहने वाला यह आतंकी 2008 में राजस्थान, गुजरात और दिल्ली धमाकों समेत कई वारदातों में वांछित है।
2007 में हुए गोरखपुर धमाके के बाद वह एजेंसियों के रडार पर आया और 2008 में देश छोड़कर फरार हो गया। उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है।


ईडी की बड़ी कार्रवाई: 25 ठिकानों पर छापे, विश्वविद्यालय अध्यक्ष गिरफ्तार

धमाके में फंडिंग के सुराग मिलने पर ईडी ने सोमवार को दिल्ली और फरीदाबाद में 25 जगहों पर छापेमारी की।
इसी कड़ी में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक और अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी को वित्तीय अनियमितताओं और फर्जी मान्यता दस्तावेजों के मामले में गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उन्हें 13 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

इधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी विश्वविद्यालय के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े दो केस दर्ज किए हैं।


मान्यता पर भी सवाल: मेडिकल कॉलेज फिर विवादों में

फरीदाबाद में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने बताया कि अल-फलाह मेडिकल कॉलेज की मान्यता अदालत के आदेश से दी गई थी, न कि सरकार द्वारा।
उन्होंने कहा कि—

  • यूनिवर्सिटी को 2014 से पहले

  • मेडिकल कॉलेज को 2019 में मान्यता मिली
    लेकिन इन मान्यताओं पर कई गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं और जांच जारी है।

मंत्री के अनुसार अब यह भी जांच की जा रही है कि कॉलेज में कौन-कौन से सेल सक्रिय हैं और उनका संचालन कैसे होता है।


धमाके के तार विश्वविद्यालय से क्यों जुड़ रहे हैं?

10 नवंबर को लाल किले के पास हुए इस बड़े धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई थी।
जांच में पाया गया कि:

  • कथित फिदायीन डॉ. उमर उन नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिकल प्रोफेसर था।

  • डॉ. मुजम्मिल शकील—जिनके फरीदाबाद स्थित घर से 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ—भी इसी विश्वविद्यालय से जुड़े थे।

इन लगातार खुलासों के बाद अब एजेंसियां अल-फलाह के पुराने रिकॉर्ड, छात्रों के संपर्क, वित्तीय लेन-देन और नेटवर्क को खंगालने में जुट गई हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post