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By - Sapna Jul 01, 2025 Comments (3) राज्य / बिहार

फूलपुर फिर आतंकी साजिश की चपेट में: 19 साल बाद नाबालिग को केरल ले जाकर जबरन धर्म परिवर्तन और जिहाद से जोड़ने की कोशिश, दो गिरफ्तार

प्रयागराज/फूलपुर।
एक बार फिर प्रयागराज का फूलपुर इलाका आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में है। वर्ष 2006 के वाराणसी सीरियल धमाकों में फूलपुर के वलीउल्लाह की संलिप्तता सामने आने के 19 साल बाद अब एक नया मामला सामने आया है। इस बार एक 15 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की को केरल ले जाकर उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने और आतंकी संगठनों से जोड़ने की साजिश का खुलासा हुआ है।

मामले में फूलपुर के लिलहट गांव की दरकशा बानो और उसके साथी कैफ को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद ताज फरार है, जिसकी तलाश जारी है। फिलहाल, खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर पुलिस इस पूरे नेटवर्क की तहकीकात में जुटी है।


कैसे रची गई साजिश?

जानकारी के अनुसार, फूलपुर के एक अनुसूचित जाति परिवार की नाबालिग बेटी 8 मई की रात अचानक लापता हो गई थी। उसकी पड़ोसी दरकशा बानो और सहयोगी कैफ ने उसे बाइक पर बिठाकर प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुंचाया, जहां से दिल्ली होते हुए उसे केरल के त्रिशूर ले जाया गया।

रास्ते में कैफ ने किशोरी के साथ अश्लील हरकतें कीं। केरल पहुंचने पर किशोरी का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और आतंकी संगठनों से जुड़ने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि रुपयों का लालच देकर उसे जिहाद के नाम पर मानसिक रूप से ब्रेनवॉश किया गया।


खुद को बचाकर पहुंची पुलिस के पास

किशोरी 28 जून को किसी तरह त्रिशूर रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में सफल रही, जहां उसने स्थानीय पुलिस की मदद से अपनी मां को संपर्क किया। प्रयागराज पुलिस ने केरल पहुंचकर लड़की को सकुशल बरामद किया और वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। वहीं, पीड़िता की मां को अनजान नंबरों से धमकी भी दी जा रही है।


गिरफ्तारियां और जांच

इस गंभीर मामले में पुलिस ने दरकशा बानो और कैफ को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मुख्य आरोपी मोहम्मद ताज (फूलपुर के जोगिया शेखपुर निवासी) अभी फरार है। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए तीन टीमें गठित की हैं। मामले में खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।


फूलपुर का आतंकी कनेक्शन: 2006 की यादें ताजा

इस घटना ने फूलपुर के आतंकी इतिहास की परतों को फिर खोल दिया है। वर्ष 2006 में वाराणसी में हुए सीरियल धमाकों में फूलपुर निवासी वलीउल्लाह का हाथ था, जिसे 2022 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। वलीउल्लाह की तालीम देवबंद में हुई थी और वह बांग्लादेश जाकर हूजी कमांडर मौलाना असदुल्लाह से जुड़ गया था। उसके द्वारा किए गए धमाकों में 18 लोगों की जान गई थी।


'द केरला स्टोरी' की कहानी से मिलती-जुलती साजिश

यह मामला हाल ही में चर्चित हुई फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ की पटकथा जैसी प्रतीत होती है। जहां एक महिला मासूम लड़की को ब्रेनवॉश, लालच और भय दिखाकर धर्मांतरण और आतंकी नेटवर्क में धकेलने की कोशिश करती है। इस साजिश का खुलासा होते ही ग्रामीणों में भी आक्रोश फैल गया है।


पुलिस का आधिकारिक बयान

उत्तर प्रदेश के डीजीपी कुलदीप गुनावत ने कहा,

“नाबालिग को केरल ले जाकर जबरन धर्म परिवर्तन और आतंकी संगठनों से जोड़ने के प्रयास में महिला समेत दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में आतंकी संगठनों से तार जुड़े होने की पुष्टि हुई है। मामले में पुलिस की तीन टीमें गठित कर गिरोह की गहन जांच की जा रही है।”


सुरक्षा बढ़ाई गई, परिवार की निगरानी

पीड़िता के परिवार को धमकियों के चलते पुलिस सुरक्षा में रखा गया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रयागराज पुलिस और ATS भी इस केस पर नजर बनाए हुए हैं।

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