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By - Sapna Jun 28, 2025 Comments (3) मध्य प्रदेश

ग्वालियर नगर परिषद में बीजेपी पार्षद ने कपड़े फाड़कर जताया विरोध, सीवर और पानी की समस्या को लेकर जताई नाराजगी

ग्वालियर, 28 जून 2025 — मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर परिषद की बैठक शुक्रवार को उस समय हंगामेदार हो गई, जब बीजेपी पार्षद ब्रजेश श्रीवास ने कार्यवाही के दौरान अपने कपड़े फाड़कर विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध शहर में सीवर और पेयजल संकट को लेकर था, जिसे पार्षद ने जनता की त्रासदी बताते हुए जोरदार तरीके से उठाया।


सदन में विरोध का अनोखा तरीका

बैठक में जब पार्षद श्रीवास को अधिकारियों से स्पष्ट जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने अचानक अपने कपड़े फाड़ डाले और कहा:

शहर की जनता सीवर की बदबू और पानी की किल्लत से त्रस्त है। लोग सड़कों पर उतरकर कपड़े फाड़ रहे हैं। हम उनके प्रतिनिधि हैं, इसलिए मैंने उनकी पीड़ा को सदन में इसी तरह उठाया।

उनके इस नाटकीय विरोध के बाद कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। पार्षदों और अधिकारियों ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की, लेकिन ब्रजेश श्रीवास अपनी मांगों पर अडिग रहे।


सीवर और पेयजल संकट ने बढ़ाई जनता की परेशानी

ग्वालियर के कई इलाकों में सीवर लाइनों की नियमित सफाई और रखरखाव नहीं होने से गलियों में गंदा पानी बह रहा है। वहीं, पेयजल आपूर्ति में भी भारी अनियमितता देखने को मिल रही है। स्थानीय लोगों को पीने के पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।

श्रीवास ने आरोप लगाया कि कई बार नगर निगम अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।


पार्षदों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

बैठक में मौजूद अन्य बीजेपी पार्षदों ने भी नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि अधिकारी जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर कोई समाधान नहीं निकल रहा।


नगर निगम का बयान: समाधान के प्रयास जारी

नगर निगम के अधिकारियों ने बैठक में आश्वासन दिया कि सीवर और पानी की समस्या का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, “विभागीय स्तर पर जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।”

हालांकि पार्षदों ने इस आश्वासन को "नाकाफी और दोहरावपूर्ण" बताते हुए ठोस कदम उठाने की मांग की।


विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया

शहर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने पार्षद के विरोध को “असहमति जताने का प्रभावशाली प्रतीकात्मक तरीका” बताया है, वहीं कुछ लोगों ने इसे “नाटकीय और अनुशासनहीन” भी कहा।

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