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By - Chandrakant Singh Jun 17, 2025 Comments (3) देश विदेश

ईरान-इज़राइल तनाव: चीन ने खुद को बताया 'शांतिदूत', बोला – "हम सुलझाएंगे ये झगड़ा"

बीजिंग।
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन ने खुद को एक शांतिदूत के रूप में पेश किया है। बीजिंग ने दोनों देशों से अपील की है कि वे आपसी बातचीत के ज़रिए मतभेद सुलझाएं। साथ ही चीन ने चेतावनी दी है कि अगर संघर्ष और बढ़ा, तो पूरा मध्य पूर्व गंभीर अस्थिरता की चपेट में आ सकता है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और इज़रायल के विदेश मंत्री गिदोन सा’आर से अलग-अलग बातचीत की। वांग यी ने ईरान के साथ बातचीत में साफ कहा कि,

"चीन खुले तौर पर ईरान की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के इज़रायली उल्लंघन की निंदा करता है।"

चीन के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, बीजिंग ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर इज़रायली हवाई हमलों की खुले तौर पर निंदा की है और ईरान को अपना समर्थन दिया है।

मध्यस्थता की पेशकश

चीन ने दोनों देशों को संवाद से मसला सुलझाने की सलाह दी है और खुद को एक तटस्थ मध्यस्थ के तौर पर प्रस्तुत किया है। वांग यी ने कहा कि चीन स्थिति को शांत करने में “रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार” है और सभी संबंधित पक्षों से संपर्क में रहेगा।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा:

"अगर ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष और फैलता है, तो इससे पूरे मध्य पूर्व को भयंकर नुकसान हो सकता है।"

अमेरिका की सीमित भूमिका, चीन की ऊर्जा नीति

गौरतलब है कि अमेरिका ने अब तक इस संघर्ष में अपनी भूमिका सीमित रखी है और इज़रायल को सिर्फ बुनियादी डिफेंस समर्थन दिया है। वहीं, चीन और ईरान के बीच रिश्ते ऊर्जा और रक्षा के क्षेत्र में गहरे रहे हैं। दोनों देशों ने रूस के साथ मिलकर नौसैनिक अभ्यास भी किए हैं।

चीन लंबे समय से ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार भी माना जाता है, हालांकि 2022 के बाद से आधिकारिक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

विश्लेषकों की राय – "मध्यस्थता या रणनीति?"

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह मौका चीन के लिए मध्य पूर्व में अपनी राजनीतिक और कूटनीतिक पकड़ बढ़ाने का अच्छा अवसर है। चीन इससे पहले सऊदी अरब और ईरान के बीच सफल वार्ता में मदद कर चुका है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और अन्य शक्तिशाली क्षेत्रीय देशों की मौजूदगी के कारण चीन की भूमिका सीमित रह सकती है। फिर भी, चीन खुद को तटस्थ और शांति समर्थक ताकत के रूप में पेश कर रहा है।

ट्रंप और रूस की भी चर्चा

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सोशल मीडिया पर उम्मीद जताई है कि ईरान और इज़रायल किसी “समझौते” पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत का दावा करते हुए रूस की मध्यस्थता भूमिका की संभावना जताई है।

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