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By - Chandrakant Singh May 16, 2025 Comments (3) मध्य प्रदेश

इंदौर में शराब हुई सस्ती: आबकारी विभाग की सख्ती और प्राइस वॉर ने बदला बाजार का मिज़ाज

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में शराब उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। आबकारी विभाग की सख्ती और ठेकेदारों के बीच शुरू हुए प्राइस वॉर के चलते शराब की कीमतों में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। अब प्रमुख ब्रांड्स की बोतलें पहले से काफी सस्ती दर पर मिल रही हैं। कई दुकानों पर ठेकेदारों ने खुद अपने स्तर पर नई कीमतों के बोर्ड तक लगा दिए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सीधे लाभ मिल रहा है।

शिकायतों के बाद हरकत में आया विभाग

दरअसल, नए शराब ठेकों के आवंटन में ठेकेदारों ने सरकार को लगभग 20% अधिक राजस्व देकर अनुबंध हासिल किए थे। इसके बाद इन ठेकेदारों द्वारा शराब की निर्धारित कीमत से अधिक दरों पर बिक्री की जाने लगी।

इस पर सीएम हेल्पलाइन और सीधे आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल को बड़ी संख्या में इंदौर, धार और देवास से ओवरप्राइसिंग की शिकायतें मिलने लगीं। आयुक्त ने सभी जिलों में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इंदौर में सहायक आबकारी आयुक्त अभिषेक तिवारी ने विशेष कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों को ग्राहक बनाकर दुकानों पर भेजा। जांच के दौरान अधिकांश दुकानों पर ओवर प्राइसिंग पाई गई, जिसके बाद दो दर्जन से अधिक ठेकेदारों पर केस दर्ज किए गए।

अब ये हैं नई कीमतें – उपभोक्ताओं को मिला सीधा लाभ

कार्रवाई के बाद ठेकेदारों ने माल खपाने के लिए प्राइस वॉर शुरू कर दिया है। परिणामस्वरूप, कई प्रमुख ब्रांड्स की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है:

  • रॉयल स्टैग/चैलेंज/ऑल सीजन (750ml): ₹1240 से घटकर ₹1040

  • रॉयल स्टैग (90ml): ₹150 से घटकर ₹130

  • मैकडॉवेल्स (750ml): ₹985 से ₹880

  • मैकडॉवेल्स (90ml): ₹125 से ₹115

  • आईकॉनिक (750ml): ₹840, पहले जानकारी नहीं थी

  • आईबी ब्रांड (750ml): ₹805, पहले जानकारी नहीं थी

  • बॉम्बे व्हिस्की/ओल्ड मोंक/MD रम (750ml): ₹545 से घटकर ₹520

  • यही ब्रांड (180ml): ₹135 से घटकर ₹130

🍺 बियर भी हुई सस्ती

  • किंगफिशर स्ट्रॉन्ग (650ml): ₹300 से घटकर ₹240

  • किंगफिशर स्ट्रॉन्ग (500ml): ₹210 से घटकर ₹180

🧾 नियमों का पालन और उपभोक्ता हित दोनों सुनिश्चित

आबकारी विभाग की यह मुहिम न केवल नियामक अनुपालन को लागू करने में सफल रही है, बल्कि उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत भी दिलाई है। विभागीय सख्ती और ठेकेदारों की प्रतिस्पर्धा ने मिलकर इंदौर के शराब बाजार में संतुलन बना दिया है।

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