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By - Sapna Jul 25, 2025 Comments (3) राज्य

झारखंड में शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव: कैबिनेट ने पारित किया 'झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025'

झारखंड में शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव: कैबिनेट ने पारित किया 'झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025'

झारखंड सरकार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में 'झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025' को मंजूरी दे दी। इस ऐतिहासिक फैसले के तहत अब राज्य के 13 विश्वविद्यालयों को एक सिंगल अंब्रेला एक्ट के तहत लाया जाएगा।

अब नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार के पास

इस नए एक्ट के तहत कुलपति (VC), प्रतिकुलपति (Pro-VC) और वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति अब राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। साथ ही, एक 'झारखंड राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग' का गठन भी किया जाएगा। यह आयोग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, वित्त अधिकारी, शिक्षक, अशैक्षणिक कर्मी और प्राचार्य की नियुक्ति करेगा।

अब ये नियुक्तियां JPSC (झारखंड लोक सेवा आयोग) के बजाय नए गठित विवि सेवा आयोग से की जाएंगी। आयोग में अध्यक्ष, प्रशासनिक सदस्य और तीन अन्य सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल तीन से पांच वर्ष या अधिकतम 70 वर्ष की उम्र तक रहेगा।

ये कानून होंगे रद्द

नए विधेयक के लागू होने के साथ ही राज्य में पहले से लागू कई विश्वविद्यालय संबंधी अधिनियम रद्द हो जाएंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  • झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 2000

  • झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2011

  • झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय अधिनियम 2016

  • पं. रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2022

एकीकृत प्रणाली से बढ़ेगा पारदर्शिता और दक्षता

इस निर्णय का उद्देश्य झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था को केंद्रीकृत और सुसंगत बनाना है। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया पारदर्शी होगी और नियुक्तियों में एकरूपता लाई जा सकेगी।

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