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By - News Desk Dec 08, 2025 Comments (3) राज्य / बिहार

विधायक बनने के बाद पहली बार मंच पर लौटीं मैथिली ठाकुर, गोवा के मठ में भजन प्रस्तुति से जीता दिल

बिहार विधानसभा की सबसे युवा सदस्य और लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर एक बार फिर मंच पर लौट आई हैं। विधायक बनने के बाद पहली बार उन्होंने गोवा के मठ में आयोजित भजन संध्या में अपनी सुरीली प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर उनके छोटे भाई ऋषभ ठाकुर और अयाची ठाकुर भी मंच पर साथ मौजूद थे।

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में अलीनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद मैथिली राजनीति और सरकारी व्यस्तताओं में उलझ गई थीं। चुनाव, सरकार गठन और विधानसभा सत्र के कारण वे कुछ समय संगीत की दुनिया से दूर रहीं। लेकिन अब वे कला मंच पर वापसी कर चुकी हैं और उनकी प्रस्तुति को दर्शकों से लेकर सोशल मीडिया तक खूब सराहा जा रहा है।

गोवा स्थित Shree Samsthan Gokarn Partagali Jeevottam Math में श्रद्धा पंच आस्था महोत्सव के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें मैथिली ठाकुर ने अपनी मधुर आवाज से भक्ति और आध्यात्म का माहौल बना दिया। उनके भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे, वहीं मंच पर बैठे मठ के संत भी उनकी प्रस्तुति में डूबे नजर आए। कार्यक्रम के दौरान मैथिली को उत्कृष्ट गायन के लिए सम्मानित भी किया गया।

सोशल मीडिया पर मैथिली ठाकुर की भजन प्रस्तुति का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मठ की ओर से साझा किए गए वीडियो पर प्रशंसकों की भरपूर प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। एक यूजर ने लिखा—
“ओह! इतना बढ़िया कार्यक्रम। मजा आ गया। पूरे दो घंटे एक ही मुख्य गाने वाली। प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वालों ने पूरा आनंद लिया। धन्यवाद मैथिली जी और आपकी पूरी टीम को।”

भजन संध्या में मैथिली ने मिथिला की समृद्ध संस्कृति को भी खूबसूरती से प्रस्तुत किया, खासकर भगवान राम और माता सीता के विवाह प्रसंग को उन्होंने अपने गायन से जीवंत कर दिया, जिसे सुनकर दर्शक भाव-विभोर होकर नाचने लगे।

गौरतलब है कि मैथिली ठाकुर भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत की प्रमुख युवा आवाज हैं। हिंदी, भोजपुरी, अवधी, मराठी, मगही सहित कई भाषाओं में उन्होंने लोकगीतों, पारंपरिक रचनाओं और भजनों को नई पहचान दी है।
2025 में 25 वर्ष की आयु में राजनीति में कदम रखते हुए वे भारत की दूसरी सबसे कम उम्र की विधायक बनीं। इससे पहले सुषमा स्वराज 1977 में 25 वर्ष की उम्र में हरियाणा विधानसभा की सदस्य बनी थीं।

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