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By - News Desk Dec 01, 2025 Comments (3) मध्य प्रदेश

MP में किसानों का बड़ा आंदोलन: NH-52 पर चक्काजाम, हजारों किसान सड़कों पर उतरे — जानें क्या हैं उनकी 4 बड़ी मांगे

धार (मध्य प्रदेश) — मध्य प्रदेश के धार जिले में सोमवार को किसानों का आंदोलन अचानक उग्र रूप लेता दिखा, जब हजारों की संख्या में किसान नेशनल हाईवे-52 पर उतर आए और चक्काजाम कर दिया। बड़वानी, खरगोन, खंडवा और धार समेत चार जिलों से आए किसान ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और बड़े समूहों के साथ हाईवे पर जमा हो गए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 400 पुलिस जवानों सहित वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर तैनात कर दिया है। अधिकारी लगातार किसानों से बातचीत कर शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।


आखिर क्यों भड़के किसान?

किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर पिछले 5 महीनों से सरकार को आवेदन दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। निराश और नाराज़ किसानों ने बताया कि जब सरकार उनकी समस्याओं को नहीं सुन रही, तब वे मजबूर होकर सड़क पर उतरने पर बाध्य हुए हैं।

किसानों की स्पष्ट चेतावनी —
“जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, चक्काजाम खत्म नहीं होगा।”


किसानों की 4 बड़ी प्रमुख मांगें

1. प्रमुख फसलों की सरकारी खरीदी

  • मक्का, सोयाबीन और कपास की सरकारी खरीद

  • पूर्व की योजनाओं के अनुसार MSP पर खरीदी सुनिश्चित करने की मांग

2. कर्जमाफी और MSP की कानूनी गारंटी

  • सभी किसानों को कर्जमाफी

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाया जाए

3. गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा

  • आदि गुरु शंकराचार्य की संकल्पना के अनुसार

  • गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए जाने की मांग

4. किसानों के हित में आयात-निर्यात नीति

  • दलहन, कपास और प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाई जाए

  • केंद्र सरकार कृषि उत्पादों की नीति किसान-हित में बनाए


प्रदर्शन में नारेबाजी, सड़क पर पेड़ रखकर रोका आवागमन

किसानों ने हाईवे पर बड़े पेड़ के तने रखकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया और नारेबाजी शुरू कर दी।
जय जवान, जय किसान” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।
लगातार बढ़ती भीड़ के बीच ट्रैक्टरों से लदी टोलियां भी पहुंचती रहीं।

प्रशासन की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि किसान शांत रहें और बातचीत का रास्ता अपनाएं, लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।

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