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By - Sapna Jun 12, 2025 Comments (3) बिजनेस

₹3,000 से अधिक UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा चार्ज? सरकार और NPCI ने दी सफाई

नई दिल्ली: देशभर में करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे UPI (Unified Payments Interface) को लेकर बीते कुछ दिनों से एक अहम खबर चर्चा में है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि ₹3,000 से अधिक के UPI लेनदेन पर सरकार चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। लेकिन इस खबर के बाद सरकार और NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि फिलहाल UPI ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज लागू नहीं किया गया है और आम उपयोगकर्ताओं के लिए यह सेवा निशुल्क बनी रहेगी।


क्या है पूरी खबर?

एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ₹3,000 से अधिक की मर्चेंट पेमेंट्स (व्यापारिक भुगतानों) पर चार्ज लागू किया जा सकता है, जिसे MDR (Merchant Discount Rate) के रूप में वसूला जाएगा। यह चार्ज ग्राहक से नहीं, बल्कि मर्चेंट से लिया जाएगा। इसका उद्देश्य UPI सेवा प्रदाताओं की लंबी अवधि की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना बताया गया।


सरकार का स्पष्टीकरण:

इस खबर के बाद वित्त मंत्रालय ने तुरंत बयान जारी किया:

"UPI सेवाओं पर किसी भी तरह का शुल्क लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह सेवा अभी भी नि:शुल्क है और आम लोगों के लिए जारी रहेगी।"

NPCI ने भी पुष्टि की कि UPI लेनदेन को फ्री बनाए रखने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार जरूर किया जा रहा है, लेकिन कोई चार्ज फिलहाल लागू नहीं हुआ है।


क्या है MDR और क्यों हो रही है चर्चा?

MDR वह फीस होती है जो बैंक या पेमेंट ऐप मर्चेंट से वसूलते हैं, जब ग्राहक डिजिटल मोड से भुगतान करता है।
UPI सेवा पर सरकार पहले ही MDR को शून्य कर चुकी है, जिससे बैंकों और फिनटेक कंपनियों को ऑपरेशनल लागत उठानी पड़ती है। कई संस्थान अब मांग कर रहे हैं कि बड़े लेनदेन (जैसे ₹3,000 से ऊपर) पर नाममात्र चार्ज लिया जाए जिससे सिस्टम टिकाऊ बना रहे।


UPI की ताकत:

  • भारत में रोज़ाना 40 करोड़ से अधिक UPI ट्रांजैक्शन

  • साल 2024-25 में कुल UPI लेनदेन की वैल्यू ₹200 लाख करोड़ के पार

  • आम जनता, छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारियों तक की पहली पसंद


क्या बदलेगा कुछ आम यूज़र्स के लिए?

नहीं।
अगर आप मोबाइल ऐप्स (PhonePe, GPay, Paytm आदि) से किसी को भुगतान कर रहे हैं — खासकर किसी व्यक्ति को या छोटे मर्चेंट को — तो आपके लिए कोई बदलाव नहीं है। यह प्रस्ताव केवल बड़े व्यापारिक भुगतानों और मर्चेंट ट्रांजैक्शन्स से संबंधित है।

UPI को लेकर फैल रही "₹3,000 के ऊपर चार्ज लगेगा" जैसी खबरें अभी केवल अटकलें हैं। सरकार और NPCI ने साफ कर दिया है कि आम उपभोक्ताओं के लिए यह सेवा फिलहाल पूरी तरह फ्री है।

लेकिन आने वाले समय में, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को टिकाऊ बनाने के लिए संतुलित शुल्क मॉडल पर चर्चा संभव है — विशेष रूप से मर्चेंट लेवल पर।

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