Shopping cart

Subtotal: $4398.00

View cart Checkout

Blog Image
By - Sapna Sep 04, 2025 Comments (3) दिल्ली

सोनिया गांधी के खिलाफ याचिका: 1983 में नागरिकता, फिर 1980 में कैसे बनीं मतदाता?

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एक नई कानूनी चुनौती खड़ी हो गई है। आरोप है कि उनका नाम भारतीय नागरिकता लेने से पहले ही मतदाता सूची में दर्ज किया गया था। इस मामले को लेकर एक याचिका अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया की अदालत में दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल, 1983 को भारत की नागरिकता ली थी, लेकिन उनका नाम पहले से ही 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल था। हालांकि 1982 में यह नाम सूची से हटा दिया गया और 1983 में नागरिकता मिलने के बाद फिर से दर्ज कर दिया गया।

शिकायतकर्ता विकास त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग ने अदालत को बताया कि यह मामला गंभीर अनियमितताओं और संभावित धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि 1980 में जब सोनिया गांधी भारतीय नागरिक नहीं थीं, तब आखिर किस आधार पर चुनाव आयोग ने उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया?

नारंग ने दलील दी कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के लिए भारतीय नागरिक होना आवश्यक शर्त है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उस समय चुनाव आयोग को कौन से दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। उन्होंने इसे "जालसाजी और सार्वजनिक प्राधिकरण से धोखाधड़ी" करार दिया और पुलिस जांच की मांग की।

अदालत से आग्रह किया गया है कि पुलिस को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और उचित धाराओं के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर के लिए स्थगित कर दी है।

👉 यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post